Alfa Transformers Ltd को मिल ₹73.16 लाख का नया ऑर्डर, बढ़ेगी कंपनी की ताकत शेयर पर रहेगी नजर
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भुवनेश्वर: ट्रांसफार्मर निर्माण क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अल्फा ट्रांसफार्मर लिमिटेड को एक नया और अहम ऑर्डर प्राप्त हुआ है। कुल ₹73.16 लाख रुपये का यह ऑर्डर आर्यन वेंचुरा प्राइवेट लिमिटेड ने दिया है, जिसे कंपनी के भुवनेश्वर प्लांट द्वारा 10 से 12 हफ्तों में पूरा किया जाएगा।
क्या है ऑर्डर की डिटेल?
इस डील के तहत कंपनी को 5000 KVA के 33/11 KV, 5 MVA आउटडोर टाइप कॉपर विंडिंग पावर ट्रांसफार्मर डिजाइन, मैन्युफैक्चर और सप्लाई करने हैं। यह ट्रांसफॉर्मर ऑफ-लोड टेप चेंजर जैसे आधुनिक फीचर से लैस होंगे, जिससे बिजली वितरण की क्वालिटी बेहतर होगी।यह एक पूरी तरह से भारत में निर्मित ऑर्डर है, जो ‘मेक इन इंडिया’ को और बल देगा।
कंपनी की पारदर्शिता पर जोर
कंपनी के डायरेक्टर श्री देबशिष दास ने जानकारी दी है कि इस ऑर्डर में कंपनी के प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप का कोई भी डायरेक्ट या इनडायरेक्ट इंटरेस्ट नहीं है। यह किसी भी प्रकार का रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं है, जिससे कंपनी की पारदर्शिता बनी रहती है।
भविष्य की संभावनाएं और आर्थिक असर
इस तरह के ऑर्डर से न केवल कंपनी की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उसकी तकनीकी दक्षता और निर्माण क्षमताओं का भी प्रदर्शन होगा। कंपनी के पास भुवनेश्वर और बड़ौदा में प्लांट हैं और यह प्रोजेक्ट भुवनेश्वर यूनिट से संपन्न होगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
क्या मायने रखता है यह डील इंडस्ट्री के लिए?
भारत में ग्रीन एनर्जी और स्मार्ट ग्रिड की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। ऐसे में हाई कैपेसिटी ट्रांसफॉर्मर्स की मांग भी तेज़ी से बढ़ रही है। अल्फा ट्रांसफार्मर जैसी कंपनियां इस चुनौती को सफलतापूर्वक संभालने की क्षमता रखती हैं।
निवेशकों के लिए पॉजिटिव संकेत
इस खबर से कंपनी के निवेशकों को भी राहत और भरोसा मिला है। बीएसई कोड 517546 पर लिस्टेड अल्फा ट्रांसफार्मर लिमिटेड के शेयर के लिए यह डील एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, जिससे रेवेन्यू और प्रोफिटबिलिटी में बढ़त की उम्मीद है।
निष्कर्ष
इस नए ऑर्डर से अल्फा ट्रांसफार्मर लिमिटेड की रफ्तार और बढ़ेगी। यह ऑर्डर सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट नहीं बल्कि भारतीय मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। ट्रांसफरमर इंडस्ट्री में यह डील एक प्रेरक उदाहरण है कि कैसे घरेलू कंपनियां वैश्विक मानकों पर खरा उतरते हुए देश की ज़रूरतों को पूरा कर रही हैं।