“RBI करने जा रही है Gold Loan नियमों में बड़ा बदलाव — जानें क्या होगा असर आपके लोन पर!”

“RBI करने जा रही है Gold Loan नियमों में बड़ा बदलाव — जानें क्या होगा असर आपके लोन पर!”

आपकी आपकी आपके परिवार में किसी ने कभी ना कभी गोल्ड लोन जरूर लिया होगा अब खबर यह है कि गोल्ड लोन के नियम आरबीआई सख्त कर सकता है कुछ समय पहले भारतीय रिजर्व बैंक में गोल्ड लोन को लेकर नए नियम का मसौदा तैयार किया था और इस प्रस्ताव का क्या मकसद था और अब क्या कुछ बदलने वाला है यह सब कुछ सपोर्ट में समझेंगे

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कर का गोल्ड लोन के सिस्टम को और भी ज्यादा पारदर्शी बनाने का था धोखाधड़ी से बचाना बचाना और बैंक और NBFCs यानी नन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी की कार्य प्रणाली को और भी ज्यादा मजबूत किया जाना इस तरीके क्या इंटेंशन था लेकिन अब नियमों में कुछ ऐसे भी शर्तें थी जो आम आदमी के लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर सकती थी जैसे कि गोल्ड लोन पर दिए जाने वाले लोन TO लोन वैल्यू यानी नव रेशयो को 75 फ़ीसदी से काम करना इसका मतलब की 1 लाख वोट पर 75000 से ज्यादा रुपए की रकम का कर्ज नहीं मिलेगा सोने की मलकीयत का सबूत देना यह बताना की लोन का इस्तेमाल किस मकसद से किया जा रहा है खर्च के लिए या इनकम के लिए अभी नियमों को लेकर तमिलनाडु केरल आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में खासा विरोध देखा गया यहां पर ग्रामीण और किस समुदाय बड़े पैमाने पर गोल्ड लोन पर निर्भर रहते हैं इस विवाद के बीच वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एक X बड़ी घोषणा भी करती मैं तो मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग यानी कि डीएफएस ने आरबीआई को सुझाव भी दिए हैं

इंडिया GOLD LOAN का बड़ा बाजार है

2 लाख तक गोल्ड लोन के नए नियम जानकारी को नियमों से बाहर कर दिया जाए और RBI 1 जनवरी 2026 शुरू करने के विचार मे है अगर RBI मान जाए कम से कम करीबन 70 फ़ीसदी गोल्ड लोन वाले ग्राहकों को नए नियमों से राहत मिल सकती है यह वह लोग हैं जो छोटी रकम के लिए गोल्ड गिरवी रखते हैं जैसे बच्चों की फीस इलाज या खेती किसानी जैसे जरूरी खर्च भारत में अगर देखा जाए तो गोल्ड लोन एक बेहद लोकप्रिय फाइनेंशियल साधन है यानी वित्तीय साधन है गोल्ड लोन लेने वालों में से 60 से 70 फ़ीसदी लोग ₹200000 से कम का लोन लेते हैं अब एक गोल्ड लोन का टिकट साइज ₹100000 से सवा लाख रुपए तक होता है

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RBI GOLD LOAN को सख्त करने की फेवर में है

आपको यह भी बताएं कि यह ज्यादातर छोटी अवधि के लिए होते हैं जैसे की 6 महीने 1 साल या 2 साल इन लोन पर बैंक और एनबीएफसी कंपनियां 10-20 से 18 फ़ीसदी के बीच ब्याज लेती है लेकिन अगर इन लोगों को औपचारिक चैनल यानी कि जो ऑर्गेनाइज्ड चैनल होते हैं उनसे लोन नहीं मिलेगा तो वह मजबूरी में असंगठित बाजार जैसे प्राइवेट सेक्टर जाएंगे पब्लिक और वहां 24 से 30% तक ब्याज दर ली जाती है हाल ही में गोल्ड लोन की संख्या में बहुत बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है NPA काफी बढ़ चुके हैं और इसी के चलते आरबीआई गोल्ड लोन के नियमों को सख्त करने के फेवर में है

रेटिंग एजेंसी ICRA ने भी अपनी कुछ बात सामने रखी है

ने भी कुछ बातें सामने रखी है अगर उसे आंकड़े को देखा जाए जो ICRA ने बताया है जो ICRA के मुताबिक है तो कारोबारी साल 2026 तक संगठित क्षेत्र का गोल्ड लोन पोर्टफोलियो 10 लाख करोड़ पार कर सकता है वहीं कारोबार इस साल 2027 तक यह 15 लाख करोड रुपए के आकडे को भी पार कर सकता है गोल्ड लोन बढ़ाने के साथ हम NPAs अभी तेजी से बढ़ रहे हैं दिसंबर 2024 में कमर्शियल बैंकों के NPA 2040 करोड रुपए जो की 1 साल पहले 1404 करोड रुपए के थे

GOLD प्राइस कुछ समय मे तेजी से बढ़ा है

सोने की कीमत है जिससे गोल्ड लोन की मांग बढ़ गई है इसी वजह से आरबीआई ने नए नियम लाने की कोशिश की आरबीआई की शक्ति का उद्देश्य सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी यानी पारदर्शिता और कंट्रोल यानी नियंत्रण लाना है अगर आरबीआई के नियमों को एक साथ लागू किया गया तो यह एक बड़े वर्ग को बाहर कर सकता है सरकार की ओर से सुझाया गया समाधान यह की 2 लाख तक के लोन को छूट देना और चरण वाट तरीके से नियमों को लागू करना एक अच्छा रास्ता हो सकता है आपको क्या लगता है कमेंट सेक्शन में अपनी राय हमें जरूर बताएं

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